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सफलता का मंत्र | नेटवर्क मार्केटिंग में सफलता के मूल मंत्र

सफलता के मूल मंत्र

नेटवर्क मार्केटिंग के मूल मंत्र

दुनियाँ में हम सभी सफल होना चाहते हैं, लेकिन सफलता पाने के लिए जो कीमत चुकानी पड़ती है, वह कीमत चुकाना नहीं चाहते हैं। तो आप ही बताए सफलता मिलेगी कैसे। आज हम इस article में Safalta Ka Mantra (सफलता के मूल मंत्र) पर चर्चा करेंगे इसके अलावा यह भी जानेंगे कि सफलता का मूल मंत्र क्या है और सफल होने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है। ऐसी कौन सी चीज है जिसे करने से बचना चाहिए। नेटवर्क मार्केटिंग के मूल मंत्र क्या होता है, यह भी समझने की कोशिश इस Article में करेंगे।

जिस प्रकार गणित बनाने के लिए formula होते हैं, ठीक उसी प्रकार सफल होने के लिए भी सफलता के सूत्र होते हैं। इस प्रकार के  Safalta Ka Mantra (सफलता के मूल मंत्र) के बारे में आज यहां पर चर्चा करेंगे।

  1. जिम्मेदारी की शक्ति।
  2. आभारी रहने के लिए अपने आप को प्रेरित करना।
  3. आपका सलाहकार कौन है
  4. आप किस माहौल मेें रहते हैं
  5. जीवन में एकान्त में जायें
  6. काबिल बनियें।
  7. अपने जीवन में सफल कोच की तलाश कीजियें।

Note: एक-एक करके सफलता का मंत्र जानते हैं-

जिम्मेदारी की शक्ति।

  1. जितने भी लोग दुनिया में आगे बढ़े हैं, उन्होनें जिम्मेदारी की शक्ति को अपनाया है। यदि आप नेटवर्कर है तो नेटवर्क मार्केटिंग के मूल मंत्र का यह पहले स्टेप है। इसे जरूर अपनी जिंदगी में अपनाये।
  2. सफलता के मूल मंत्र की इस कड़ी में हम आपको यह बताना चहाते हैं कि जिम्मेदारी ही एक ऐसी ताकत है जो कभी दी नही जाती है, केवल ली जाती है।
  3. आप किसी को जिम्मेदारी दे नही सकते हैं जब तक वह जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होते हैं।
  4. केवल जिम्मेदारी लेने वाले लोग ही दुनियां में बहुत तेजी से प्रगति करते हैं। यदि आप नेटवर्क मार्केटिंग में सफलता के सूत्र इस मंत्र को समझ गये तो आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता है।

श्री कृष्ण भगवान के द्वारा भगवत गीता में भी बताया एक संदेश (सफलता का मंत्र) द्वारा इसे आसानी से समझा जा सकता है-

सर्वत्र सर्वदा सर्वव्यस्थात।

सर्वत्र (सभी जगह) सर्वदा (हर समय) सर्वव्यस्थात (हर परिस्थिती में)

उदाहरण के लिए:-

बहुत समय पहले एक व्यक्ति जो Automobile Sector, Maruti Suzuki  में Worker के रूप में कार्य करता था। कुछ समय में ही उसने अपने अन्दर की शक्ति को पहचाना और अपने आप को जिम्मेदार बनाकर अपनी शक्ति को Capitalized किया और अपनी खदु की Company को स्थापित किया। इसके बाद Worker से CMD अथार्त चेयरमैन बना। जरा आप सोचों कि ना तो इनके पास पैसा था ना खेत था केवल अपने आप को जिम्मेदार बनाया और आज कंपनी का मालिक बन गया। ऐसा बहुत सारा उद्वाहारण आपको मिलेंगे जिससे आपको पता चलेगा कि जो व्यक्ति जिम्मेदारी उठाता है वह ही अपने जीवन में सफल होता है। नेटवर्क मार्केटिंग में इस प्रकार के मूल मंत्र आपको बहुत अधिक देखने को मिलेगा।

 

आभारी रहना तथा आभार व्यक्त करना और लिखना

या तो इन्सान भारी होता है नहीं तो आभारी होता है।

आभार व्यक्त करना तथा आभारी रहना वह कला (safalta mantra) है जो हमेशा सोने से पहले अपने आप या आप अपने से हुई चीजे जैसे अच्छाई हुई हो उस-उस व्यक्ति का आभार व्यक्त कीजिए।

आभार व्यक्त करने वाला व्यक्ति हमेशा अपने जीवन में हल्का महसूस करता है। इसलिए अपने जीवन में सफलता के इस सूत्र को माहत्व दें।

जो कभी चिन्ता नहीं करता है केवल चिन्तन करता है तथा वही चिन्ता मुक्त रहता है और जीवन में सफलता प्राप्त करता है। सफलता के मूल मंत्र (नेटवर्क मार्केटिंग के मूल मंत्र) की इस कड़ी को आप समझने की कोशिश करें।

क्योंकि कहा गया है:-

चिंता ऐसी डाकनी काट कलेजा खाए वैद्य बेचारा क्या करें कब तक दवा लगाये।

इसलिए कहा गया है कि आभार व्यक्त करना चाहिए। क्योंकि इस सफलता के मूल मंत्र में वह ताकत है जो हर इंसान को महान और सफल बना सकता है।

ध्यान दिजिए

  • कुछ लोग कहते है जो भी मेरे पास है सबकुछ बकवास है
  • कुछ लोग कहते है जो भी मेरे पास है सब कुछ खास है

हम आशा करते हैं कि दोनों वाक्य को आपने ध्यान पूर्वक पढ़ा होगा। अब आप ही बतायें कि कौन सा सफलता के मूल मंत्र है और कौन सा नहीं।

आप क्या चाहते हैं, ढूँढिये कि आप के पास क्या खास है और क्या बकवास है।

  1. जो लोग कहते है कि बकवास है, हैरान हो जायेंगे परेशान हो जायेंगे दुखी हो जायेंगे।
  2. जो कहेंगे मेरे लिए जो भी है हमारे लिए खास है। वह हमेंशा खुश रहेंगे जिन्दगी में सुख समृद्धि बढ़ेगी। इस सफलता के मूल मंत्र को ध्यान रखने वाली चीज है।
  3. रोज 5 लोगों को धन्यवाद किजिए, English में कहते हैं कि आप को Grateful  होना चाहिए।
  4. Grateful बनना है।
  5. जिन्दगी चुनावों का परिणाम होता है। इसलिए सफलता के मूल मंत्र में हमने इसे शामिल किया है। हम आशा करते हैं कि आप जिंदगी में आने वाली चुनाव को सही से जांच करेंगे।
  6. आपके जीवन के चुनावों की बात की जा रही है
  7. आप अपने जीवन में कैसा विचार तथा व्यवहार चुनते हैं।
  8. इसका चुनाव करने कि जिम्मेदारी आपके पास है पर आप क्या करते हैं।
  9. आप परिस्थिती को दोष देते हैं, मनोस्थिती को नहीं बदलते हैं।
  10. परिस्थिती को दोष मत दिजीए अपनी मनोस्थिती को बदलो क्योंकि मनोस्थिती बदले से सारी परिस्थिती बदल जाती है।
  11. क्योंकि आप चुनाव करते हैं, उसका परिणाम आपके जीवन में मिलता है। क्योंकि जिन्दगी चुनावों का परिणाम है।
  12. चुनाव करने के लिए दूसरे पर निर्भर रहने की  आवश्यकता नहीं है।
  13. क्योंकि अपने जीवन में परिवर्तन लाने को तैयार नहीं है तो परिवर्तन नहीं ला सकते हैं।
  14. कोई Company बदलता है तो कोई Boss तो कोई Wife तो कोई Life को बदलना चाहता है।
  15. अच्छे शब्दों का चुनाव कीजिये तथा मनोस्थिती को बदलिए परिस्थिती अपने आप बदल जायेगी।
  16. आप कठिन परिस्थिती को कैसे देखते हैं ये आपके लिए मजबूरी है या जरूरी है।
  17. जिनके लिए मजबूरी है वह थक जायेंगे रूक जायेंगे।
  18. एक और चुनाव आपके देखना है जिन्दगी आपे लिए बंधन है या बंदिश है।
  19. जिस संस्था में आप काम करते हैं आपके लिए बंधन है या बंदिश है।
  20. जिस व्यक्ति के लिए बंदिश हो जाएगी वह हमेशा यह कहेगा ‘‘दो बार लंच एक बार पंच, Life है टंच’’। इस सफलता के मूल मंत्र से आपको समझना चाहिए की इसे जिंदगी में कैसे शामिल किया जा सकता है।
  21. जिंदगी चुनावों का परिणाम है आप परिस्थिती को कहेंगे। समस्या है कि पहेली है, तो  प्रश्नचिंह हो तो Solve कर लेंगे।
  22. जिन्दगी चुनावों का परिणाम है आपको क्या लगता है जिन्दगी मौका है या मुसिबत है। यह आपको चुनना है। क्योंकि आप अपने संस्कार को चुनिए क्योंकि संस्कार से बनता है आपका विचार तथा आपके विचार से बनता है आपका व्यवहार तथा आपके व्यवहार से बढ़ता है आपका आचार, आचार से होता है आपका प्रचार तथा आपके प्रचार से बढ़ता है आपका व्यापार। क्योंकि ‘चुनना आपको है कि कुछ लोग कहते हैं मुझकि मौका नही मिला, मुझे अवसर नही मिला, ये अवसर आपको खुद से चुनना है, आपके लिए कोई दूसरा नही चुनेगा।
  23. सीखने की इच्छा आपके अन्दर होनी चाहिए। यह भी सफलता के मूल मंत्र में शामिल करें।
  24. क्योंकि पढ़े लिखे होने से अच्छा है पढ़ते लिखते रहना।
  25. अनपढ़ वो नही है जो पढ़ नही पाते बल्कि अनपढ़ वो है जो सीखना नही चाहते हैं।
  26. पड़े रहने से अच्छा है कुछ पढ़ लेना अगर ऐसे ही पड़े रहेंगे तो आगे चलकर और पड़ेगी।
  27. इसलिए जिन्दगी चुनावों का परिणाम है।

 

आपका सलाहकार कौन है:-

आप अपने जीवन से शकुनि या मंथरा को निकाल दिजिए। अब आप सोचेंगें कि शकुनि तथा मंथरा हम तो हैं नहीं लेकिन फिर भी ये शब्द। बिल्कुल सही लेकिन इन सभी के गुण इनबिल्ड है जो सफलता के मार्ग में बाधा डालते हैं। सफलता के मूल मंत्र की इस कड़ी को ध्यान पूर्वक सोचें।

 

सलाहकार आपका कौन है क्योंकि:-

पांडव श्री कृष्ण से सलाह लेते थे तथा कौरव शकुनि से सलाह लेते थे तो आपने देखा ही होगा कि किसको क्या मिला। सहीं सलाहकार को चुनना भी एक सफलता के मूल मंत्र को अपना होता है।

  • आपको पता है भगवान राम से सबसे ज्यादा प्यार कौन करती थी कौशल्या या कैकेयी लेकिन बीच में मंथरा आ गई।
  • इसलिए कहे जा रहा हूँ कि अपने जीवन में से शकुनि तथा मंथरा को निकाल फेंकिए। क्योंकि आज गली-गली मौहल्ला शकुनि तथा मंथरा टाईप के लोग घूम रहें है जो आपकी सफलता में बहुत बड़े बाधक बन सकते हैं।

क्योंकि मंथरा और शकुनि जैसे लोग आपके जीवन में स्ट्रेस बढ़ाते हैं। कृष्ण जैसे लोग आपके जीवन को बैस्ट बना देते हैं। आप क्या चाहते हैं बेस्ट या स्ट्रेस इसलिए ऐसे लोगों को अपने जीवन से निकाल दीजिए। यदि आप इस सफलता के मूल मंत्र को अपनाते हैं तो आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता है।

 

आप किस माहौल में रह रहें हैंः

  • आप अपना समय का 80 प्रतिशत जिसके पास बिताते हैं तो आप भी उसी प्रकार के हो जाते हैं नही तो आपमें होने की प्रवृति लिप्त हो जाती है। क्या आप इस सफलता के मूल मंत्र को समझते हैं।
  • क्योंकि कहा जाता है कि पानी वही है जो हाथ में गिरे तो आप पी सकते हैं।
  • नाली में गिर गया तो आप पैर भी नही धो सकते हैं।
  • पानी वही जो सीप में गिर जाता है तो वह मोती बन जाता है।
  • दो तरह की बिमारी होती है एंटीसेप्टिक तथा प्रोफिटेक्टिक।
  • एंटीसेप्टिक तब इस्तेमाल करते है जब बिमारी आपके अन्दर हो जाती है और आपको बचाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।
  • लेकिन जो बाहर की बिमारीयाँ हैं उनका क्या किया जाए उसको बोलते है प्रोफिटेक्टिक (मेडिकल साईंस) में इसका अर्थ है पोलियो। पोलियो की दवा तब नहीं दी जाती जब पोलियो हो जाती है। बल्कि पोलियो की दवाई तब दी जाती है जब बाजार में फैली होती है ताकि आपको न हो जाए। (नकारात्मक सोच की) । हम आशा करते हैं कि आपको इस सफलता के मूल मंत्र से कुछ सीखने को मिला होगा।

 

जीवन में एकान्त में जायें:

  • बम्बई की ट्रेन के अन्दर जब घुसते हैं तो आपको मेहनत नही करनी पड़ती है, लोग आपको अन्दर पहुँचा देतें हैं।
  • एकान्त के दो अर्थ हैं:

(1) जीवन में अकेले हो जाए।

(2) जिनका एक अन्त हो जाए।

  • जीवन में ऐसे लोगों का जिनका लक्ष्य वह है जो आपका है उनका भी अन्त वही है जो आपका अन्त है।
  • जब हम इस तरह के लोगों के साथ बैठते हैं तो आपकी सफलता बढ़ जाती है। काम करने की क्षमता बढ़ जाती है।
  • तब आपकी आत्मशक्ति मजबूत हो जाती है, क्योंकि ऐसे लोग आपको बढ़ा देते है। ऐसे समय में मेहनत कम लगती है, रिज़ल्ट ज्यादा आता है।
  • इसलिए जीवन में ऐसे लोगों का चुनाव कीजए जो आपके जीवन की सफलता में अहम योगदान दें। इस सफलता के मूल मंत्र में बहुत ताकत है। आप आपनाये और सफल होने के मार्ग में एक कदम आगे बढ़ जाए।

 

अपने आप को काबिल बनाइएः

आपकी काबिलियत का निश्चित होता है।

  1. क्या पढ़ते हैं
  2. क्या सुनते हैं
  3. क्या देखते हैं

आप काबिल बनेंगे तभी काबिलियत बढ़ेगी।

  • इसलिए कह रहा हूँ कि सफल वही बनेगा जो शकुनि मंथरा का साथ छोड़ देगा।
  • ऐसे लोगों के साथ समय मत बिताइये जिसका वेल्यू सिस्टम खराब है। जो आपको भी खराब कर देगा।
  • अपने ऊपर investment कीजिए अपनी बुद्धि पर खर्च किजिए। शरीर पर investment तो सब करते है।
  • समस्या यह नही है। कहा जाता है जैसा संग वैसा रंग छोड़ दिजिए शकुनि तथा मंथरा का साथ। तब आपकी सफलता में चार चाँद लग जायेंगे।
  • इसलिए अपनी काबिलियत को बढ़ाइयें। इस सफलता के मूल मंत्र को जीवन में अपनाए।

 

अपने जीवन में सफल कोच (मेंटर) की तलाश किजिएः

  1. आप अपने जीवन में पाॅवरफुल सलाहकार (सफल कोच) को खोजिए जो आपको बढ़ायेगा क्योंकि कहा जाता है कि गुरू बहुत भाग्य से मिलता है।
  2. क्योंकि आस-पास के लोगों की मानसिकता को आप नहीं बदल सकते हैं। पर आपका चुनाव आपके पास है कि आप अपने जीवन से ही उनको बदल सकते हैं।
  3. कुछ नये लोगों को अपने जीवन मे ला सकते हैं।
  4. क्योेंकि नकारात्मक सोच वाले व्यक्ति के जीवन में हर समाधान में भी समस्या है।
  5. सकारात्मक व्यक्ति के जीवन में हर समस्या का भी समाधान है।
  6. आप किस तरह कि व्यक्ति को अपने साथ रखना चाहते है ये चुनाव आपका है।
  7. जो 99 समाधान में भी एक समस्या ढूँढ लेता है।
  8. या उस व्यक्ति के साथ जो 99 समस्या में भी समाधान ढूँढ लेता है ये चुनाव आपका है।
  9. जानते हैं जीवन में समाधान बढ़ाइयें तथा समस्या वाले लोग से दूर-दूर रहिए नहीं तो आपकी काबिलियत को गलत दिशा में मोड़ देंगे। कब असफल हो जाएगें आप जान भी नहीं पायेंगे।
  10. क्योंकि कुछ लोग हमेाा बोलते हुए मिलेंगे कि मुझे मौका नहीं मिला, मुझे अवसर नहीं मिला, ये अवसर आपको खुद से चुनना है, आपके लिए कोई दूसरा नहीं चुनेगा।
  11. आप सीखना चाहते हैं कि दोष लगाते है कुछ सीखना शुरू कर देते हैं।
  12. इसलिए जिन्दगी में ज्यादा-ज्यादा सीखिए जिसका अपने जीवन में इंप्लीमेंट किजिए ताकि आपकी सफकलता क चांसेज़ बढ़ जायें।
  13. सफलता के हमने दो फार्मूला दिये है अगर हमलोग इस पर Implement करते हैं तो हमलोग 100 प्रतिशत सफल बन जायेंगे।
  14. अगर Implement नहीं करेंगे तो जैसे जिन्दगी चल रही है वैसे ही चलेगी।
  15. क्योंकि Opportunity हमेशा आपके घर तक चलकर आती है लेकिन आप उसे कैसे देखते हैं। यह फैसला आपका है।
  16. खराब चीजों को लाने के लिए हमेशा इन्सान को उसके पास चलकर जाना पड़ता है। यह भी फैसला आपका है।
  17. फर्क साफ है क्या चाहते हैं सफलता या असफलता यह भी चुनाव आपका ही है।

हम आशा करते हैं कि आपको यह आर्टिकल (सफलता के मूल मंत्र/नेटवर्क मार्केटिंग में सफलता के सूत्र) पसंद आया होगा। अगर आपको ऐसा लगे कि कोई भी व्यक्ति यहां पर दी कई सफलता के टिप्स (कामयाबी का मंत्र) को पढ़कर सफल होने के लिए प्रेरणा ले सकता है तो इसे अधिक से अधिक लोगों तक शेयर करें। धन्यवाद।